Japan / भ्रष्टाचार के आरोपी कार्लोस का समर्थन कर रही लेबनान सरकार, उन्हें नेशनल आईकॉन मानती है


जापान की ऑटो कंपनी निसान के पूर्व चेयरमैन हैं कार्लोस घोस 

आय छिपाने, भ्रष्टाचार के आरोप में निसान ने उन्हें पद से हटाया 

कार्लोस लेबनान में पले-बढ़े, उन पर वहां डाक टिकट भी जारी हुआ था 

बेरुत. जापान में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे निसान कंपनी के पूर्व चेयरमैन कार्लोस घोस (64) को लेबनान सरकार सपोर्ट कर रही है। लेबनान में कार्लोस की छवि हीरो की तरह है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक वहां की सरकार ने कार्लोस को नेशनल आइकॉन का दर्जा देते हुए पिछले साल उन पर डाक टिकट भी जारी किया था। इसकी वजह यह है कि कार्लोस लेबनान की राजधानी बेरुत में पले-बढ़े हैं। कॉरपोरेट वर्ल्ड में कार्लोस की सफलता की वजह से लिए लेबनान की जनता और सरकार उनका काफी सम्मान करती है। 

इनकम छिपाने और निसान कंपनी में भ्रष्टाचार के आरोप में पिछले सोमवार को जापान में कार्लोस की गिरफ्तारी हुई थी। इसका पता चलते ही लेबनान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ‘कार्लोस घोस प्रतिष्ठित नागरिक हैं। उन्होंने दुनियाभर में देश का नाम किया है। मुश्किल वक्त में हम उनके साथ हैं।‘ 

लेबनान में राष्ट्रपति पद के दावेदार माने जाते हैं कार्लोस 

लेबनान में भ्रष्टाचार काफी ज्यादा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के 189 देशों के इंडेक्स में लेबनान की 143वीं रैंकिंग है। इस वजह से वहां के लोगों को कार्लोस से उम्मीद थी कि वो लेबनान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकते हैं। क्योंकि उन्होंने जापान की ऑटो कंपनी निसान को दिवालिया होने से बचाया था। 

लेबनान के ब्लॉगर का कमेंटेटर गिनो राइडी के मुताबिक वहां की इकोनॉमी और राजनीति में कार्लोस की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन, राष्ट्रपति के चुनाव के वक्त हर बार कार्लोस का नाम जरूरत सामने आता है। हालांकि, कार्लोस ने हर बार राजनीति में आने से इनकार कर दिया। 

ब्राजील में जन्मे कार्लोस अपनी मां के साथ 6 साल की उम्र में लेबनान पहुंच गए थे। उन्होंने बेरुत में पढ़ाई की थी। वहां की सेंट जोसेफ यूनिवर्सिटी की स्ट्रैटजिक काउंसिल में कार्लोस आज भी सदस्य हैं। साल 2003 में कार्लोस ने बेरुत में एक भाषण के दौरान कहा था कि निसान कंपनी के उदाहरण से लेबनान काफी कुछ सीख सकता है। 

पिछले कुछ सालों में कार्लोस ने लेबनान में निवेश किया 

लेबनान में कार्लोस का कोई घर नहीं था। कुछ साल पहले उन्होंने बेरुत में एक इमारत की मरम्मत का काम शुरू करवाया था। पिछले कुछ सालों में उन्होंने लेबनान की कुछ कंपनियों में निवेश भी किया था। सीएनएन के मुताबिक कार्लोस के लेबानानी दोस्तों का कहना है कि वो देश के करीब आ रहे थे। दिसंबर में उन्होंने लेबनान में एक ब्रिज टूर्नामेंट करवाने की योजना भी बनाई थी। 

लेबनान के विश्लेषकों और कमेंटेटर्स ने आशंका जताई है कि निसान के अधिकारी कार्लोस की पावर बढ़ने से डरे हुए थे। इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची गई। 

कार्लोस घोस ने साल 1999 में निसान मोटर को दिवालिया होने से बचाया था। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने 5 साल में अपनी इनकम 315 करोड़ रुपए कम बताई। उन पर निसान के पैसे का निजी इस्तेमाल करने का भी आरोप है। सोमवार को गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को निसान ने उन्हें चेयरमैन के पद से हटा दिया। 

कार्लोस ने आरोपों से इनकार किया 

जापानी मीडिया के मुताबिक कार्लोस ने खुद पर लगे आरोपों से रविवार को इनकार किया। उन्होंने जनता के सामने कुछ नहीं बोला लेकिन, जांच अधिकारियों से कहा कि आय छिपाने की उनकी कोई मंशा नहीं थी।

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