गाज़ियाबाद- 12 जनवरी को यशोदा हॉस्पिटल में लगेगा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर
12 जनवरी को गाज़ियाबाद, नेहरू नगर यशोदा हॉस्पिटल में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाएगा। यह जानकारी यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ बैरियाट्रिक, लैप्रोस्कोपिक एवं गैस्ट्रो सर्जन डॉ.आशीष गौतम ने दी।
उन्होंने बताया कि, यशोदा हॉस्पिटल बेरियाट्रिक सर्जरी का दिल्ली एनसीआर में एक प्रमुख केंद्र है। यहाँ पिछले साल में कई मरीजों की सफलता पूर्वक मोटापे की सर्जरी की जा चुकी है। बेरियाट्रिक सर्जरी महज वजन कम करने का एक शॉर्टकट तरीका नहीं है। यह सर्जरी अधिक मोटापे से छुकारे के साथ मोटापा जनित रोगों जैसे हाइपरटेंशन, मधुमेह,गठिया जैसे रोगों में भी फायदा पहुंचाती है। डॉ. आशीष गौतम ने बताया किए मोटापे एवं उसकी वजह से होने वाली बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए 12 जनवरी (शानिवार) को एक विशाल शिविर लगाया जा रहा है। इस शिविर में दिल्ली-एनसीआर की एकमात्र जर्मनी की मशीन से शरीर की आवश्यकता से अधिक वजन, फैट, मोटापे की गणना की जाएगी। अमूमन इस टेस्ट का 5,000 रू. खर्चा आता है, जो नि:शुल्क उपलब्ध रहेगा। साथ ही वरिष्ठ बेरियाट्रिक सर्जन डॉ.आशीष गैतम लोगों को निरूशुल्क परामर्श देंगे। इस कैम्प में मोदीनगर, हापूड़, बुलंदशहर,सिकंदराबाद, अलीगढ़, खुर्जा हाथरस, नोएडा, गाज़ियाबाद से मरीजों ने रजिस्ट्रेशन कराना शुरु कर दिया है तथा इस कैम्प में भाग भी लेंगे।
क्या है बेरियाट्रिक सर्जरी?
बेरियाट्रिक, वेटलॉस या मेटाबॉलिक सर्जरी एक जीवनशैली सुधार सर्जरी है। इससे न सिर्फ शरीर के भार में कमी आती है, बल्कि हार्मोनल प्रभाव के जरिये मोटापे से जुड़ी चिकित्सकीय स्थितियों पर भी नियंत्रण रखा जाता है। अगर किसी को डेफिशिएंसी युक्त मोटापा है या फिर अत्यधिक मोटापे से साथ मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे गंभीर रोग भी हैं तो उनके लिए यह सर्जरी कराना सही रहता है। यह सर्जरी 18 से 65 वर्ष के उन रोगियों में मोटापा कम करने के लिए की जाती है, जो डाइटिंग, एक्सरसाइज और व्यवहारगत कोशिश करने के बावजूद वजन कम करने में असफल हो रहे हैं। इससे वजन से साथ मोटापा जनित रोगों में भी राहत मिलती है। महिला रोगी सर्जरी के 18 माह के बाद गर्भधारण कर सकती हैं। 95% रोगियों की जीवनशैली में सुधार आता है व 89% रोगियों में मृत्युदर कम हो जाती है।
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